शुक्रवार, अप्रैल 17, 2020

खराब मौहाल है पय दिन हैं अच्छे:कुलदीप

खराब माहौल है पय दिन हैं  अच्छे।
घर मा हैं माँ-बाप, भाई-बहन, बच्चे।

रही घरै मा बनके अपने घर बन्दी।
बाहर निकलब तबियत होई मन्दी।

लॉकडाउन बीतै न अइसै जउहाई लैत।
खाना बनामैं का सीखी भउजाई समैत।

डरामै बाले अफवाहन से सब दूर रही।
जागरूक बाली अच्छी बात जरूर कही।

सब झने मिल महामारी से लड़ी लड़ाई।
अउर न फइलै या तबाही का दूर भगाई।

रचनाकार:कुलदीप पटेल (के•डी•)
कल्लेह, तहसील-जयसिंहनगर, जिला-शहडोल (मध्यप्रदेश)

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