शुक्रवार, अप्रैल 17, 2020

यही समय सेवा का:डी. ए. प्रकाश खाण्डे



यही  समय सेवा का
यही समय सेवा का साथी, सबको पाठ पढ़ाना  है। 
मानव से  मानव की  दूरी का, संयम  सदा सिखाना है।

 लाकडाउन है जग जाहिर, अब अर्थ  अन्धेरा छाया है। 
 एक  देश की  करामात  से, जग में कोरोना  आया  है।

 जो दूर  देश में फंसे हुए,उनकी   खोज  कराना  है। 
 भूखे- शोषित- वंचित- निर्धन, सबको  भोज  कराना  है। 

 नहीं  किसी  से  बैर- भाव, साबुन  से  हाथ  धुलाना  है। 
 सुथरा कपड़ा, सुथरा भोजन, मुँह में  मॉस्क लगाना  है।

 असहायों को  दान दया का, सेवा  सबको   पहुंचाना  है। 
 यही  समय सेवा का साथी, सबको पाठ  पढ़ाना  है।



         काव्य रचना:  डी. ए. प्रकाश  खाण्डे 
 शा कन्या  शिक्षा  परिसर  पुष्पराज गढ़ ; जिला  अनूपपुर  मध्यप्रदेश  

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