आज 'कोरोना' का दहशत,
हर जन को इसने दूर किया।
एक दूसरे से तय दूरी में,
रहना सबने है ठान लिया।।
सूनी हो गई गलियां सारी,
घर में हैं सब बंद हुए।
धैर्य नहीं खोना है हमको,
चाहे जितना कष्ट सहें।।
जन से जन की जो दूरी,
है हमने आज बनाए।
दुःख के बादल छँटकर,
पुनः नया सबेरा आए।।
चेहरों में खुशियां छाएंगी,
ऐसे भी दिन आएंगे।
जो जैसा चाहेगा हर दिन,
अरमान पूर्ण हो जाएंगे।।
यह संकट विकट सामने है,
मन में विश्वास जगाना है।
मानवता की खातिर हम सबको,
'सामाजिक दूरी' बनाना है।।
सभी निभाएं अपनी जिम्मेदारी,
दु:ख का यह बादल छँट जाएगा।
सब जन को जागृत करना है,
तभी पुन: सबेरा आएगा।।
रचनाकार:
अंजली सिंह,
उच्च माध्यमिक शिक्षक,
शा.उ.मा.विद्यालय भाद,
(जिला श्रोत समूह हिंदी)
जिला-अनूपपुर, मध्य प्रदेश।
[इस ब्लॉग पर प्रकाशित रचनाएँ नियमित रूप से अपने व्हाट्सएप पर प्राप्त करने तथा ब्लॉग के संबंध में अपनी राय व्यक्त करने हेतु कृपया यहाँ क्लिक करें। कृपया अपनी रचनाएं हमें whatsapp नंबर 8982161035 या ईमेल आई डी akbs980@gmail.com पर भेजें,देखें नियमावली ]
हर जन को इसने दूर किया।
एक दूसरे से तय दूरी में,
रहना सबने है ठान लिया।।
सूनी हो गई गलियां सारी,
घर में हैं सब बंद हुए।
धैर्य नहीं खोना है हमको,
चाहे जितना कष्ट सहें।।
जन से जन की जो दूरी,
है हमने आज बनाए।
दुःख के बादल छँटकर,
पुनः नया सबेरा आए।।
चेहरों में खुशियां छाएंगी,
ऐसे भी दिन आएंगे।
जो जैसा चाहेगा हर दिन,
अरमान पूर्ण हो जाएंगे।।
यह संकट विकट सामने है,
मन में विश्वास जगाना है।
मानवता की खातिर हम सबको,
'सामाजिक दूरी' बनाना है।।
सभी निभाएं अपनी जिम्मेदारी,
दु:ख का यह बादल छँट जाएगा।
सब जन को जागृत करना है,
तभी पुन: सबेरा आएगा।।
रचनाकार:
अंजली सिंह,
उच्च माध्यमिक शिक्षक,
शा.उ.मा.विद्यालय भाद,
(जिला श्रोत समूह हिंदी)
जिला-अनूपपुर, मध्य प्रदेश।
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