रविवार, दिसंबर 01, 2019

एड्स:रमेश प्रसाद की कविता


एड्स

रमेश प्रसाद पटेल

 विश्व एड्स दिवस, 1988 के बाद से 1 दिसंबर को हर साल मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य एचआईवी संक्रमण के प्रसार की वजह से एड्स महामारी के प्रति जागरूकता बढाना, और इस बीमारी से जिसकी मौत हो गई है उनका शोक मनाना है।(विकिपीडिया से)


सजग रहना साथियो, एक भयावह रोग आया।
न है उपचार इसका, यह समझ अंधेरा छाया।।

यह अनैतिक संपर्क से एक दूजे में है आता,
एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम कहलाता।।

समझदारी रखो, नहीं जग से बच पाएगी  काया,
नहीं उपचार इसका, यह समझ अंधेरा छाया।

संक्रमित सिरिंज या सुई से व्यक्ति में स्थान पाता।
रक्त की जांच कराने पर ही यह पहचान में आता।

यह संकट विश्व में एक दानव बन कर आया,
न है उपचार इसका यह समझ अंधेरा छाया।

दवा कोई भी वैज्ञानिक न कर पाए तैयार,
सावधानी ही एकमात्र जीवन का आधार।

समझदारी अपनाकर, मंगलमय जीवन बनाया।
न है उपचार इसका यह समझ अंधेरा छाया।
रचना:रमेश प्रसाद पटेल, माध्यमिक शिक्षक 
पुरैना, ब्योहारी जिला शहडोल (मध्यप्रदेश)
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