मंगलवार, नवंबर 19, 2019

बढ़ै न पावैं तोहरौ लरिका: राम सहोदर का हास्य व्यंग्य



 बढ़ै न पावैं तोहरो लरिका
अइसन नीति बनावै
 (आधुनिक शिक्षा नीति पर हास्य व्यंग्य)
आज की शिक्षा पद्धति भैया, मोरे समझ न आवै।
जन-जन में शिक्षा का नारा, बहुतै हंसी करावै।
सभी पढ़ो और सभी बढ़ो ,यह नीति बहुत ही भावै।
पर न होंय फेल, न मंजिल पामैं बस साक्षर कहलावै।
बढ़ै न पावै तोहरौ लरिका, अइसन नीति बनावै।1।

हर एक गांव में टोला-टोला, विद्यालय खोलबावै।
एक-एक शिक्षक दइ-दईके जनता का बहलावै।
आदेश नया नित भेज-भेजके शिक्षक का अरझावै।
तिसरे रोज संकुल केन्द्र मांही शिक्षक का बइठावै।
बढ़ै न पावै तोहरौ लरिका, अइसन नीति बनावै।2।

हर माह परीक्षा उचित रहा, अब तिसरेउ माह करावै।
प्रतिभा पर्व परीक्षा होइगा, मास्टर अतिथि कहावै।
परीक्षाफल तैयार करावै अऊ ग्रेडवार छंटबावै।
रिकाॅर्ड सम्हारा और सुधारा, नेट मांही अपलोड करावैं।
बढ़ै न पावै तोहरौ लरिका, अइसन नीति बनावै।3।

अनेकानेक पंजी शाला मंाही, नित्य नया बनवावै।
एसएमसी बैठक, पालक सम्पर्क मुद्दा अहम बतावै।
शिक्षक केर बदनामी डटके जनता से करबावै।
कोऊ न मांगैं काम का लेखा, गुणवत्ता जंचबावैं।
बढ़ै न पावै तोहरौ लरिका, अइसन नीति बनावै।4।

नेता और मिनिस्टर समझा भितरघात करबावै।
आपन लरिका सभ्य बनावैं, लै प्राइवेट पढ़ावै।
जनगणना सर्वे,  मतदाता सूची सब शिक्षक से करबावै।
गली-गली मांही रैली लेके नारा भीत लिखावै।
बढ़ै न पावै तोहरौ लरिका अइसन नीति बनावै।5।

शिक्षक की गति ऐसी कर दी ज्यों बाॅलीवाॅल खेलावै।
इत जनता फुफकारे, उत शासनौं गला दबावै।
कहैं सहोदर शिक्षा में यदि चाहत सुधार करावै।
शिक्षक केर करैं भर्ती, अउर न गैर काम करबावै।
तब बढ़ जइहैं तोहरौ लरिका जो अइसन नीति बनावै।6।
रचनाकार:राम सहोदर पटेल,एम.ए.(हिन्दी,इतिहास)
स.शिक्षक, शासकीय हाई स्कूल नगनौड़ी 
गृह निवास-सनौसी, थाना-ब्योहारी जिला शहडोल(मध्यप्रदेश)

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