नवरात्र
सतीश कुमार सोनी
रंगीन, रंगीन यह नवरात्र की बेला,
जिस पर ना होगा कोई अकेला।
सब मस्ती में रम जाएंगे,
और जमकर नाचेंगे अब शैला।।
होगी भक्ति बड़ी निराली,
जैसे हो नवरात्र दिवाली।
झूम झूम कर गाएंगे अब,
मैया के रंग रंगजाएंगे सब।
जैसे नाची मैया काली,
आने वाली है खुशहाली।।
सब मिलकर नवरात्र मनाएंगे,
हर जगह खुशी रंग फैलाएंगे।
माता रानी को हर्षाएंगे,
और इन दीपों की होड़ में,
एक दीप अमन सुख शांति का भी जलाएंगे।।
रचनाकार: सतीश कुमार सोनी
जैतहरी जिला अनूपपुर मध्य प्रदेश
[इस ब्लॉग पर प्रकाशित रचनाएँ नियमित रूप से अपने व्हाट्सएप पर प्राप्त करने तथा ब्लॉग के संबंध में अपनी राय व्यक्त करने हेतु कृपया यहाँ क्लिक करें। अपनी रचनाएं हमें whatsapp नंबर 8982161035 या ईमेल आई डी akbs980@gmail.com पर भेजें, देखें नियमावली ]
जिस पर ना होगा कोई अकेला।
सब मस्ती में रम जाएंगे,
और जमकर नाचेंगे अब शैला।।
होगी भक्ति बड़ी निराली,
जैसे हो नवरात्र दिवाली।
झूम झूम कर गाएंगे अब,
मैया के रंग रंगजाएंगे सब।
जैसे नाची मैया काली,
आने वाली है खुशहाली।।
सब मिलकर नवरात्र मनाएंगे,
हर जगह खुशी रंग फैलाएंगे।
माता रानी को हर्षाएंगे,
और इन दीपों की होड़ में,
एक दीप अमन सुख शांति का भी जलाएंगे।।
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जैतहरी जिला अनूपपुर मध्य प्रदेश
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Very NYC line sir
जवाब देंहटाएंHappy navratri
thanks dear tarun.
हटाएंBahut sundar.
जवाब देंहटाएंशुक्रिया।।💐
हटाएंThanks n very beautiful collection of words
जवाब देंहटाएंकविता को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। 💐
हटाएंthanks sir..🙏
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