रविवार, सितंबर 29, 2019

नवरात्र:सतीश कुमार की कविता


नवरात्र
सतीश कुमार सोनी


रंगीन, रंगीन यह नवरात्र की बेला,
जिस पर ना होगा कोई अकेला।
सब मस्ती में रम जाएंगे,
और जमकर नाचेंगे अब शैला।।

होगी भक्ति बड़ी निराली,
जैसे हो नवरात्र दिवाली।
झूम झूम कर गाएंगे अब,
मैया के रंग रंगजाएंगे सब।
जैसे नाची मैया काली,
आने वाली है खुशहाली।।

सब मिलकर नवरात्र मनाएंगे,
हर जगह खुशी रंग फैलाएंगे।
माता रानी को  हर्षाएंगे,
और इन दीपों की होड़ में,
एक दीप अमन सुख शांति का भी जलाएंगे।।

रचनाकार: सतीश कुमार सोनी
जैतहरी जिला अनूपपुर मध्य प्रदेश

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7 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तर
    1. कविता को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। 💐

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