शुक्रवार, अगस्त 16, 2019

मानवीय मूल्य

एक आदमी ने भगवान बुद्ध  से पुछा : जीवन का मूल्य क्या है?

बुद्ध  ने उसे एक पत्थर दिया 
और कहा : जा और इस पत्थर का 
मूल्य पता करके आ , लेकिन ध्यान 
रखना पत्थर को बेचना नही है I

वह आदमी पत्थर को बाजार मे एक संतरे वाले के पास लेकर गया और बोला : इसकी कीमत क्या है?

संतरे वाला चमकीले  पत्थर को देख
कर बोला, "12 संतरे लेजा और इसे 
मुझे दे जा" 

आगे एक सब्जी वाले ने उस चमकीले पत्थर को देखा और कहा 
"एक बोरी आलू ले जा और 
इस पत्थर को मेरे पास छोड़ जा"

आगे एक सोना बेचने वाले के 
पास गया उसे  पत्थर दिखाया सुनार
उस चमकीले पत्थर को देखकर बोला,  "50 लाख मे बेच दे" l 

उसने मना कर दिया तो सुनार बोला "2 करोड़ मे दे दे या बता इसकी कीमत जो माँगेगा वह दूँगा तुझे.. 

उस आदमी ने सुनार से कहा मेरे गुरू
 ने इसे बेचने से मना किया है l

आगे हीरे बेचने वाले एक जौहरी के पास गया उसे पत्थर दिखाया l 

जौहरी ने जब उस बेशकीमती रुबी को देखा , तो पहले उसने रुबी के पास एक लाल कपडा बिछाया फिर उस बेशकीमती रुबी की परिक्रमा लगाई माथा टेका l 

फिर जौहरी बोला , "कहा से लाया है ये बेशकीमती रुबी? सारी कायनात , सारी दुनिया को बेचकर भी इसकी कीमत नही लगाई जा सकती 
ये तो बेसकीमती है l"

वह आदमी हैरान परेशान होकर सीधे बुद्ध  के पास आया l 

अपनी आप बिती बताई और बोला
"अब बताओ भगवान , 
मानवीय जीवन का मूल्य क्या है?

 बुद्ध  बोले :

संतरे वाले को दिखाया उसने इसकी कीमत "12 संतरे" की बताई l

सब्जी वाले के पास गया उसने 
इसकी कीमत "1 बोरी आलू" बताई l

आगे सुनार ने "2 करोड़" बताई l
और 
जौहरी ने इसे "बेशकीमती" बताया l

अब ऐसा ही मानवीय मूल्य का भी है l

तू बेशक हीरा है..!!
लेकिन, 
सामने वाला तेरी कीमत, 
अपनी औकात - अपनी जानकारी -  अपनी हैसियत से लगाएगा। 

घबराओ मत दुनिया में.. 
तुझे पहचानने वाले भी मिल जायेगे।....!!!
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