हम सभी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर अपने गांव को आकर्षक बना सकते है! प्रत्येक ब्यक्ति जो जहाँ निवास करता है वहां कुछ न कुछ समस्या है! कहीं समस्या अधिक तो कहीं कम! आज एक सामान्य सी बात हमें समझनी होगी कि देश में जनसंख्या की बढ़ती हुई दर जहाँ एक समस्या है, वहीँ उसे एक बड़ी संभावना के रूप में देखना होगा! बढ़ी हुई जनसंख्या के शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी जरूरत पर काम कर एक समृद्ध समाज की कल्पना को साकार रूप देने का वक्त आ गया है! आज हम दैनिक जीवन में विभिन्न प्रकार के उत्पाद प्रयोग करते हैं जिसके उत्पादन में हमारी सहभागिता न होना ही बेरोजगारी का कारण है ! 2011की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या 1210569573 है! हमें अपने गांव की ताकत को संभावना के रूप में देखना होगा! यही संभावना को संसाधन में बदल देगा! आप हम सभी अपने गांव के तालाब की सूची बनाएं ! गांव के पानी को जनसहभागिता से तालाब तक ले जाने का कार्य करना होगा!तालाब में भरा यही पानी जहाँ जलस्तर को बढ़ाने वाला होगा वहीं निजी आवश्यकताओं की पूर्ति भी होगी !प्रत्येक ग्रामीण व नगरीय समाज के युवा को अपने गांव में एक तालाब को मॉडल तालाब के रूप में विकसित करना होगा जिसमें सांस्कृतिक क्रिया कलाप भी विकसित होंगे !
प्रस्तुति -वीरेन्द्र कुमार पटेल
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