शुक्रवार, अगस्त 16, 2019

मां का कर्ज

                 एक बेटे के मन में माँ का कर्ज चुकाने की इच्छा जागृत हुई। वह  अपनी वृद्ध  माँ के चरणों में बैठकर कहने लगा कि माँ  आपने मुझे सब कुछ दिया, मैं आज जो कुछ भी हूं सब आपकी कृपा से ही हूं, इसलिए मैं चाहता हूं कि इसी जन्म में आपका  कर्ज चुका दूं।
              माँ  गम्भीरता से विचार करते हुए बोली -ठीक है बेटा कर्ज चुकाना है तो उसका आसान तरीका मैं बताती हूं। आज रात को तुम मेरे साथ बिस्तर में सो जाओ बस एक रात की तो बात है तुम्हारा पूरा कर्ज चुक जाएगा।
               बेटा माँ  की बात सुनकर असहज महसूस करते हुए माँ  द्वारा सुझाए गए तरीके को स्वीकार कर लिया क्योंकि उसे माँ  का कर्ज चुकाना था।
              रात को बेटा माँ  के साथ सो  गया, जैसे ही नींद लगी माँ  बेटे से बोली - बेटा मुझे प्यास लगी है, पानी लेकर आओ।
              बेटा ऊंघते हुए पानी लेकर आया, माँ को दिया। माँ आधा गिलास पानी पी और आधा बचा हुआ पानी बिस्तर में डाल दिया ।
                बेटा माँ  से बोला- माँ  आपने बिस्तर गीला कर दिया। यह कहते हुए फिर सो गया।
             करीब दो घंटे बाद पुनः माँ  ने बेटे को जगाया और कहा- बेटा प्यास लगी है। बेटा पुनः पानी लेकर आया। इस बार माँ ने गिलास का पूरा पानी बिस्तर में उड़ेल दिया। पूरा बिस्तर गीला हो गया। बेटे को गुस्सा आया और उसने चिल्ला कर कहा -आपने पूरा बिस्तर गीला कर दिया। अब मैं कहां सोऊं? मध्यरात्रि में कहाँ  जाऊं......?
               माँ ने  बेटे को जोर से थप्पड़  मारते हुए कहा - नालायक, जब तू छोटा था तो प्रतिरात  बिस्तर में पेशाब कर देता था, जिससे बदबू आती थी, फिर भी मैं प्यार से तुझे सीने में थपकी देकर सुलाती थी और रात-भर जागती थी। मैं शुद्ध पानी डाल दी तो इतना क्रोधित हो गए.....?
              माँ की बात सुनकर बेटे की  आंखों से आँसू निकलने लगे।  उसने पुनः माँ के पैर पकड़कर विलखते हुए कहा -माँ, तेरा कर्ज इस जन्म में क्या, किसी जन्म में नहीं चुका सकता। मुझे माफ़ करना।

प्रस्तुति- धर्मेन्द कुमार पटेल 
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