रविवार, नवंबर 01, 2020

मध्य प्रदेश गान : मनोज कुमार चंद्रवंशी

🌹मध्य प्रदेश गान🌹

स्वर्णिम   भारत   के   हृदय   स्थल  में  बसा,
जिसकी गौरव गाथा सकल जग में अशेष है।
जहाँ पर  ज्ञान - विज्ञान   का  अनुपम संगम,
आश्रय   का   दाता   अपना  मध्य  प्रदेश है॥

धन -  धान्य,  तांबा,   मैग्नीज   से   परिपूर्ण
जहाँ की  मनोहारी  प्रकृतिक छटा विशेष है,
माँ  नर्मदा  की   शुचि   निर्मल  धारा  बहती
कला, शिल्प का संगम अपना मध्यप्रदेश है॥

कालिदास,  भृतहरी   साहित्य  सृजन  किये,
जहाँ पर समरसता सद्भाव ना राग ना द्वेष है।
महाकालेश्वर,  कपिल   मुनि  का  तपोस्थली,
संस्कृति  का  यश गान अपना मध्य प्रदेश है॥

साहित्य   साधकों  का  पावन  कर्म  स्थली,
माखनलाल,भवानी प्रसाद का कीर्ति विशेष।
बहुमूल्य खनिज संपदा का अतुलित भंडार,
वेदों की वाणी,कल्याणी अपना मध्यप्रदेश है॥

खजुराहो शिल्प  तीर्थ  का रम्य उद्भव स्थल,
जहाँ  सिद्धि  विनायक  मंदिर भग्नावशेष है।
महेश्वरम,भृगु कमंडल,सोनमुड़ा, सांची स्तूप,
सुख समृद्धि का  दाता अपना  मध्यप्रदेश है॥

                        ✍रचना
                  स्वरचित एवं मौलिक
                 मनोज कुमार चंद्रवंशी
        बेलगवाँ जिला अनूपपुर मध्यप्रदेश

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