शनिवार, अक्टूबर 31, 2020
दादा वल्लभ की सांसें वतन के लिये: राम सहोदर पटेल
लौह पुरुष की ऐसी छवि:अनिल पटेल
राष्ट्रीय एकता से सामाजिक एकता की ओर: जनार्दन
राष्ट्रीय एकता से सामाजिक एकता की ओर: जनार्दन
आज हम सबने भारत वर्ष की राष्ट्रीय एकता के सूत्रधार सरदार वल्लभ भाई पटेल साहब का 145 वां जन्मदिन राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया । दोस्तों, जब हम लोग एकता शब्द उच्चारित करते हैं तो मन में शक्ति का भाव ज्यादा उभरता है, किन्तु एकता शब्द का अर्थ ( एक + ता = एक जैसा अर्थात समानता) वाला भाव कितना जागता है, आप खुद से पूंछ लें।
साल दर साल हम सरदार पटेल एवम् अन्य महापुरुषों के द्वारा किए गए कार्यों को याद करते हैं और अच्छा महसूस करते हैं, फिर अपने जीवन यापन, अपने व्यवसाय एवं कार्य व्यवहार में लग जाते हैं। हमारा पूरा ध्यान इस बात में रहता है कि हम महापुरुषों के कार्यों के विषय में कितनी सटीकता से जानकारी रखते हैं, आपको क्या लगता है, किए गए कार्यों की चर्चा / उल्लेख से देश(समाज) का उत्थान होगा? मुझे लगता है कि देश ( समाज) की बेहतरी तब होगी, जब चर्चा उन कार्यों की हो, जो अधूरे रह गए, जिन कार्यों को पूरा करने से पहले ही महापुरुष का भौतिक जीवन पूरा हो गया है।
सरदार पटेल साहब को राष्ट्रीय एकता का शिल्पी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने 562 रियासतों को भारतीय गणराज्य में मिलाया, लेकिन राजनीतिक आज़ादी के 73 वर्ष बाद भी सामाजिक एकता अर्थात सामाजिक समानता स्थापित नहीं हुई । बहुत खुशी होती यदि देश सामाजिक समानता की ओर बढ़ता हुआ दिखता, किन्तु अफसोस! ऐसा नहीं जान पड़ता। कभी-कभी ऐसा लगता है कि सुख समृद्धि की मृग मरीचिका के पीछे दौड़ते-दौड़ते, संविधान की प्रस्तावना में चिन्हित उद्देश्यों को हम भूलते जा रहे हैं। वैभव के लिए तड़पते नीति निर्धारकों को याद दिला दूं : एक देश(समाज) के लिए गरीबी से ज्यादा दुखदाई है - असामनता की खाई।
आइए हम सब मिलकर उन कार्यों की चर्चा करें, जो काम सरदार साहब के जीवन में पूरे नहीं हुए, सरदार पटेल ने देश की रियासतों को मिलाकर एक
विशाल राष्ट्र बनाया; हम सब देशवासी अनेक जाति - धर्म रूपी रियासतों को मिटाते
हुए, सामाजिक समानता स्थापित
करके इसे एक श्रेष्ठ राष्ट्र बनाएं।
सामाजिक समानता एवं समान अवसर वाले
श्रेष्ठ राष्ट्र की स्थापना के लिए संकल्पित - सरदार पटेल के द्वारा एकीकृत
विशाल देश का एक कृतज्ञ नागरिक-
जनार्दन पटेल, 31 अक्टूबर 2020
नवी मुंबई।
सरदार वल्लभ भाई पटेल(आलेख): भानू पटेल
भारत रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल (कविता): मनोज कुमार चंद्रवंशी
(कविता)
सरदार जी का जीवन दर्शन,
हम सबके लिए अनुकरणीय है।
कर्मयोगी लौह पुरुष का योगदान,
सियासत की धरा में अतुलनीय है॥
सरदार पटेल युग प्रवर्तक के सच्चे अवतारी थे।
दूर दृष्टा, देशभक्त मातृभूमि के परम पूजारी थे॥
प्रतिभा के बहुमुखी सरदार पटेल,
बारडोली सत्याग्रह में आगे आए।
महिलाएं पटेल को उपनाम दिये,
भारत में पटेल"लौह पुरुष"कहलाए॥
मन, वचन, कर्म से भारतीय संस्कृति के संवाहक थे।
सरदार अटल, निर्भीक वर्ग विरोध के जननायक थे॥
न्याय प्रिय, यथार्थवादी पटेल,
युग दृष्टा, साहित्य साधक थे।
दीन- हीन वर्गों के मसीहा पटेल,
निज मातृभूमि के आराधक थे॥
पटेलअनुशासन प्रिय,त्वरित निर्णय लेने की क्षमता था।
राज्य एकीकरण के अग्रदूत के हृदय में मानवता था॥
राजनीति एकता के सूत्रधार,
संगठन शक्ति को मजबूत किए।
परतंत्रता की आंधी को रोक कर,
"लौह पुरुष" होने का सबूत दिए॥
सेवाभावी पटेल "बिस्मार्क" के नाम से प्रसिद्ध हुए।
तन, मन से सियासत एकीकरण यज्ञ को सिद्ध किए॥
अखंड भारत के स्वर्णिम सपनों को,
सरदार पटेल जी साकार किये।
प्रथम गृह मंत्री के पद में सुशोभित,
राष्ट्रीय एकता को मजबूत किए॥
कर्मनिष्ट, मितभाषी, मृदुभाषी जन-जन के नायक थे।
प्रतिभावान, विराट व्यक्तित्व पटेल सब के लायक थे॥
✍रचना
(स्वरचित एवं मौलिक)
मनोज कुमार चंद्रवंशी
बेलगवाँ जिला अनूपपुर मध्यप्रदेश
प्रियदर्शिनी इन्दिरा: राम सहोदर पटेल
प्रियदर्शिनी इन्दिरा
बुधवार, अक्टूबर 28, 2020
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सरदार वल्लभ भाई पटेल: महान व्यक्तित्व राम सहोदर पटेल
सरदार वल्लभ भाई पटेल: महान व्यक्तित्व
राम सहोदर पटेल
सरदारों का सरदार था वह,
दिलदारों का दिलदार था वह।
भारतीय किसानों का रक्षक,
देशभक्त किरदार था वह॥
था गुजराती शेरेदिल वह,
नेतृत्व कुशल सिद्धांत अटल।
था सख्त मिजाज सुभट योद्धा,
लौहपुरुष अवतार था वह॥
था मितभाषी, कर्मठ, जनसेवक,
भारत का एकीकरण किया।
प्रतिभा प्रखर नेतृत्व अटल,
वीर पुरुष दमदार था वह॥
था कालजयी हिम्मत वाला,
दुश्मन के होश उडाता था।
किया राष्ट्र निर्माण स्वबूते,
भारत का कर्णधार था वह॥
निज स्वारथ से दूर सदा रह,
दीन-हीन पर दया किया।
न्याय, निष्ठा, अनुशासित रह
भारत हित का पतवार था वह॥
दानी था दानवीर से बढ़,
पद लोलुपता का त्याग किया।
दान किया था राजमुकुट का,
क्योंकि गाँधी का वफादार था वह॥
कुटिल फिरंगी की कुटिल चाल को,
रौंद कुशल संचालन से।
रखा सहोदर रिश्ता सबसे,
इसीलिए सरदार था वह॥
इसीलिए सरदार था वह॥
रचनाकार: राम सहोदर पटेल,
शिक्षक, शासकीय हाईस्कूल नगनौड़ी
निवासग्राम-सनौसी, थाना-ब्योहारी जिला शहडोल
मध्यप्रदेश
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