रविवार, अगस्त 02, 2020

हाइकु:-विषय-दोस्ती: अविनाश सिंह

हाइकु:-विषय-दोस्ती
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दोस्ती दिवस
आता साल में एक
लगे फरेब।

मित्र बनाओ
मन से अपनाओ
साथ निभाओ।

दोस्त हो ऐसा
बिन आंख वो देखे
तुम्हारे आँसू।

मित्र हो ऐसा
न करे भेदभाव
रहे समान।

दोस्ती हो ऐसी
कृष्ण सुदामा जैसी
देखें दुनिया।

सुख या दुःख
हो आंखों के सम्मुख
सच्चा वो मित्र।

सच के साथ
आजीवन चलता
दोस्ती का रिश्ता।

पिता का हाथ
दोस्त का दिया साथ
रहे हमेशा।

धूप में छाव
मुसीबत में साथ
रहते दोस्त।

दोस्त की बात
रहे हमेशा याद
होते है खास।

 जो हँसा देता
आँसू को सुखा देता
वही हैं मित्र।

लगाता गले
पढ़े दिल की बात
असली मित्र।

सच्ची मित्रता
दूर करता शूल
बिछाए फूल।

बाँट लो दुःख
खोल दो हर राज
दोस्तों के बीच।

मित्रता होती
सहारा जीवन का
भूल न यारा।

रखना तुम
पवित्रता से रिश्ता
चलेगी दोस्ती।

कैसे हो मित्र
जैसे भी रहे मित्र
मन पवित्र।

रहे जो साथ
पर्वत सा अडिग
वही है मित्र।

बीते जो पल
बचपन की याद
कैसे भुलाऊँ।

भूले न भूले
बचपन की बात
थे दोस्त साथ।

गिरने न दे
कभी झुकने न दे
वो यार दोस्त।

करो झगड़ा
हो जाना फिर साथ
यही है दोस्ती।

दोस्ती का धागा
मोतियों से पिरोना
दिखे सुंदर।

अविनाश सिंह
8010017450
मित्रता दिवस की ढेरों शुभकामनाएं
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