शनिवार, अगस्त 15, 2020

21 वीं सदी का सुदृढ़ भारत : मनोज कुमार चंद्रवंशी

21वीं सदी का सुदृढ़ भारत

मुझे चंद पंक्तियाँ याद आ रही हैं -"हम बदलेंगे युग बदलेगा,हम बदलेंगे युग धारा यह संकल्प हमारा।"
हमें सर्वप्रथम विचार क्रांति लाना होगा। भारत का स्वरूप क्या है? भारत का स्वरूप क्या होना चाहिए?
आज हम भारत के जो वर्तमान स्वरूप को देख रहे हैं क्या यही स्वरूप कल भी होगा? जी नहीं  भारत नित दिन प्रगति पथ की ओर अग्रसर हो रहा है किन्तु भारत को अविकसित क्षेत्रों के विकास में अग्रणी भूमिका निभाने की आवश्यकता है। यदि उत्कृष्ट कार्य करेगा तो निश्चित रूप से भारत विश्व के विकसित देशों की पंक्ति में जल्द ही अपना पायदान जमा लेगा। भारत कृषि के क्षेत्र में, सुरक्षा के क्षेत्र में, आयुध के क्षेत्र में, चिकित्सा के क्षेत्र में  बेहतर काम करना होगा। तभी सुदृढ भारत की संकल्पना साकार होगा।

आज भारत रक्षा के क्षेत्र में विभिन्न मिसाइलें जैसे- नाग, त्रिशूल, पृथ्वी आदि का आविष्कार कर चुका है। किन्तु भारत रक्षा के कुछ मामलों आज भी आत्मनिर्भर नही है। क्योंकि भारत देश की इस पावन भूमि में महान वैज्ञानिक, अभियंता, चिकित्सक जन्म लेते हैं। जो अपने देश के प्रति समर्पण का भाव नहीं  रखते हैं। अधिक मुनाफा के लिए अन्य देशों में पलायन कर जाते हैं। यह बहुत बड़ी विडंबना है।
देश के प्रतिभावानों को कर्तव्यनिष्ठ होना चाहिए। देश प्रगति के पथ में लाने के लिए संकल्पित होना चाहिए। भारत प्रक्षेपाशास्त्र एवं अधिक मारक क्षमता वाले वैस्टविइक मिसाइलों के निर्माण करने की आवश्यकता है।

आज भारत खगोल विज्ञान के क्षेत्र में 'चंद्रयान 1' 'चंद्रयान 2' का सफलतापूर्वक परीक्षण कर विश्व के देशों में कीर्तिमान स्थापित किया है। हम मानते हैं कि यह भारत के समर्पित, निष्ठावान, कर्मठ वैज्ञानिकों का देन है। अभी इस क्षेत्र में और उत्कृष्ट कार्य करने की आवश्यकता है। जिससे भारत एक समुन्नत राष्ट्र बन सके। संचार के क्षेत्र में संचार क्रांति लाने की आवश्यकता है। जिससे देश प्रगति के पथ पर अग्रसर हो। भारत के वैज्ञानिकों ने सिद्धार्थ, परम जैसी अत्यधिक गति से चलने वाली कंप्यूटरों का निर्माण कर  विश्व में कीर्तिमान स्थापित किया है। नेटवर्क का संजाल बिछ दिया है। लेकिन अभी भी इस क्षेत्र में  अत्यधिक  कार्य करने की आवश्यकता है। भारत में   पूर्ण रूप से डिजिटलीकरण बनाने की आवश्यकता है। हर गांव से  शहर तक बैंकिंग व्यवस्था, सड़क की व्यवस्था, पानी की व्यवस्था आवागमन के साधन की व्यवस्था, शिक्षा की व्यवस्था उपलब्ध कराने की आवश्यकता है।

हम भारत की बेरोजगारी एवं निर्धनता की ओर ध्यान केंद्रित करते हैं तो हमें पता चलता है कि भारत में आज भी निर्धनता की समस्या बहुत ज्यादा है। लोग जीविकोपार्जन के साधन ढूंढने के लिए गांव से शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं। भारत में निर्धनता का आंकड़ा 27•5% हैं।यदि बेरोजगारी का आकलन करें तो भारत में बेरोजगारों की संख्या ग्रामीण क्षेत्र में 5•3% हैं। तथा शहरी क्षेत्र में 7•8% है जो कि अन्य देशों की तुलना में बहुत ज्यादा है। भारत में गरीबी दूर करने के लिए भारत सरकार के द्वारा निर्धनता उन्मूलन कार्यक्रम चलाया जाये। बेरोजगारी को दूर करने के लिए योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाये। भारत के बेरोजगार नवयुवकों को बेरोजगारी भत्ता देने का प्रावधान किया जाये। तब एक सुंदर एवं सशक्त भारत का निर्माण हो सकता है।

आज भारत में घरेलू हिंसा दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है भारतीय संविधान में घरेलू हिंसा अधिनियम ने बनाया  जाये तथा समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने के लिए भी अहम कदम उठाया जाये।आज देश में बलात्कार, अपहरण, तलाक जैसी घटित घटना  और रोजमर्रा की जिंदगी में देखने को मिलता है इन समस्याओं के निदान के लिए विभिन्न अपराध रोधी कानून बनाया जाय।जिससे महिलाएं यौन उत्पीड़न के शिकार न हो। भारतीय दंड संहिता में बने कानून  अक्षरशः लागू किया जाए। जिससे महिलाएं का संरक्षण हो सके एवं उनका स्वाभिमान जागृत हो सके।

यदि भारत के स्वर्णिम सपनों को साकार करना है।  सभी क्षेत्रों में अधिक से अधिक विकास के कार्य किया जाए तो निश्चित रूप भारत प्रगति के पथ पर और तीव्र गति से अग्रसर होगा। भारत को विभिन्न क्षेत्रों कीर्तिमान स्थापित करने की आवश्यकता है।ताकि भारत विकसित देशों की पहली पंक्ति में खड़ा हो सके।
भारत को समृद्ध एवं खुशहाल बनाने के लिए हमारा भी योगदान महत्वपूर्ण है। हमें भी तटस्थ रहकर भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में अहम योगदान  देना चाहिए।
            सशक्त भारत समृद्ध भारत।
            सुदृढ़ भारत खुशहाल भारत।
                 जय हिंद जय भारत।

                       ✍आलेख
                  स्वरचित एवं मौलिक
                   मनोज कुमार चंद्रवंशी
                          (शिक्षक)
                जिला अनूपपुर मध्य प्रदेश

1 टिप्पणी:

  1. भारत के निर्माण के संबंध में नए भारत के संबंध में आपके विचार बहुत ही अच्छा प्रस्तुत है आपके लेख में भारत की दशा और दिशा की बात की गई है जिस पर अमल होना चाहिए

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