जी हां,जैसा कि आपको विदित है कि बोर्ड के रिजल्ट आने शुरू हो गए हैं और हर बोर्ड में एक से एक धुरंधर निकल रहे हैं। कोई 100 प्रतिशत तो कोई 99 प्रतिशत अंक प्राप्त कर रहा है और इसमें कुछ ऐसे भी हैं जो कि विभिन्न परिस्थितियों के कारण अनुत्तीर्ण हो रहे या कम अंक प्राप्त कर कर रहे हैं। किन्तु इसका यह मतलब नही कि जिंदगी यही खत्म हो गयी है या इसके आगे कुछ नही है।
यह तीन घंटे का पेपर आपकी जिंदगी नहीं बदल देगा, किन्तु आप यदि प्रयास करेंगे तो अनेक सफलताएं हासिल कर सकते हैं।
अक्सर अखबारों में यह पढ़ने को आ रहा कि कम अंक आने की वजह से वह डिप्रेशन या आत्मदाह कर लिया,यह एकदम अनुचित कदम है जीवन में सफल सिर्फ 90 प्रतिशत अंक लाकर नही हुआ जा सकता है इसके अन्य माध्यम भी हैं सफल होने के, जो अध्यापक आपकी कॉपी की जाँच कर रहा होगा वह भी जीवन में आपसे कम अंक प्राप्त किया होगा किन्तु आज वह इस लायक है कि आपको अंक दे रहा है।
जीवन में सफल होने का मतलब है आप एक अच्छे नागरिक बनिये, एक अच्छा बेटा बनिये, एक अच्छा शिष्य बनिये, एक अच्छा पिता बनिये, यही असली सफलता है।
परीक्षा के अंक आपको कहीं पर काम आएंगे वह भी आज के कंपीटिशन के दौर में एक काजग के टुकङे समान हैं।
अनेक ऐसे महान पुरुष हुए जो असफलता को सफलता की कुंजी माने। जिसके प्रत्यक्ष उदहारण थे राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जी जो स्वयं आर्मी के चयन बोर्ड से कई बार बाहर हुए थे, किन्तु वह हिम्मत नही हारे थे और आज उन्हें मिसाइल मैन के नाम से जाना जाता है।
मैं अविनाश सिंह स्वयं एक कवि होने के नाते अपनी बात बताऊँ तो मैं शुरू से 90 प्रतिशत के ऊपर अंक प्राप्त किया अनेको बोर्ड में। किन्तु आज सारी डिग्री एक कोरे कागज के समान हैं जिसका कुछ ही महत्व है। आप स्वयं में एक यूनिक इंसान है आपके अंदर अनेक छमताएं हैं जिन्हें आपको स्वयं पहचानना है और उसपर कार्य करना है और एक दिन सफलता आपके कदमों को चूमेगी।
यदि इन सब बातों पर भी आपको विश्वास नही है तो आप अपने अभिभावकों से उनके बोर्ड के अंक पूछियेगा वो आपको स्वयं बताएंगे कि वो कितने अंक अपने समय में प्राप्त किये थे। आप यह सोचिये जो आपने पाया है वह आपकी मेहनत का फल है और मेहनत का कोई अंत नही तो इस बार कम किये मेहनत तो कम फल, अगली बार और दुगने रफ्तार से मेहनत करके और अच्छा फल प्राप्त करना है।
कभी गलत कदम उठाने से पहले अपने परिवार के सदस्यों के बारे में सोचिएगा,मैं अभिभावकों से भी अनुरोध करता हूं कि यदि आपके बच्चे के कम अंक आये हैं तो उसे प्रोत्साहित करिये कि आगे और अच्छा करें न कि उस पर दबाव बनायें या उसे प्रताड़ित करें। मैं कुछ पंक्तिया देता हूं जिसे अपने जीवन में उतारिएगा:-
सफलता दूर है पर नामुमकिन नहीं,
कदम छोटे हों पर रुकें नहीं।
जरूरी नहीं हर किसी को मुकाम मिल जाये,
सफलता के परचम भी हर कोई फहरा जाए। मिलेगी सफलता कुछ प्रयासों के बाद,
होगी खुशी दोगुनी इसी मंजिल के साथ।
प्रयास करो, प्रयत्न करो भूल करो, अभ्यास करो,
मिलेगी सफलता बस थोड़ा तुम विश्वास रखो।
न हारो हिम्मत बस कदम को तुम आगे बढ़ाओ,
लड़खड़ाओ अगर तो अडिग होके खड़े हो जाओ।
कदम छोटे हों पर रुकें नहीं।
जरूरी नहीं हर किसी को मुकाम मिल जाये,
सफलता के परचम भी हर कोई फहरा जाए। मिलेगी सफलता कुछ प्रयासों के बाद,
होगी खुशी दोगुनी इसी मंजिल के साथ।
प्रयास करो, प्रयत्न करो भूल करो, अभ्यास करो,
मिलेगी सफलता बस थोड़ा तुम विश्वास रखो।
न हारो हिम्मत बस कदम को तुम आगे बढ़ाओ,
लड़खड़ाओ अगर तो अडिग होके खड़े हो जाओ।
आलेख:-अविनाश सिंह
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प्रेरित करने वाली रचना lucky patcher
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