गुरुवार, जून 18, 2020

भारत के वीर सपूत(कविता)- डी.ए.प्रकाश खांडेकर


भारत के वीर सपूत
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भारत के सब वीर जवान,
सीमा पर सीना ताने हैं।
वतन प्रेम पर हुए फ़िदा
अब हम दुश्मन पहचाने हैं।
साहस- धैर्य,कर्तव्य अडिग,
जो सेवा धर्म निभाते हैं।
देश प्रेम पर अमर सपूत,
अपना महक बिखराते हैं।
मात-पिता का सुआज्ञाकारी,
योद्धा-कर्मवीर कहलाते हैं।
पावन भारत भूमि के खातिर,
सरहद में परचम लहराते हैं।
हे !भारत के  वीर बहादुर,
निश्चय बैरी पर हुंकार भरो।
गिलगित से गारो पर्वत तक,
अब शत्रु सदा संहार करो।

©️डी.ए.प्रकाश खाण्डे,
शासकीय कन्या शिक्षा परिसर पुष्पराजगढ़, जिला-अनूपपुर म .प्र .
मो .९१११८१९१८२
ईमेल -d.a.prakashkhande@gmail.com

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