बुधवार, मई 06, 2020

दो कविताएँ:अमृता पटेल



(1) संतुलित भोजन
हर मानव स्वास्थ्य की कुंजी अपनाएं।
संतुलित आहार से शरीर स्वस्थ बनाए॥

पांच मूल रूप से पौष्टिक तत्व होते।
तन का संतुलित आहार कहलाते॥

प्रोटीन से शरीर का निर्माण होता।
दूध डाल व सोयाबीन में मिलता॥

कार्बोज काम करने की ताकत देता।
अनाज कंदमूल गुड़ शक्कर से मिलता॥

वसा से तन में चिकनाई व शक्ति आता।
घी तेल मछली मांस से मिलता॥

विटामिन में रोगों से लड़ने की ताकत आता।
फल सब्जियां आंवला अंकुरित दाल में मिलता॥

खनिज व लवण से तन में खून बनता।
पत्तेदार हरी सब्जियां दूध से मिलता॥

इन पांच तत्वों को जो मानव खाएगा।
अपने तन को वह स्वस्थ बनाएगा॥
(2) एकता का मन्त्र
सब मिलजुल कर हम जग में आगे बढ़ सकते।
एकता के  मंत्र से हम देश का उद्धार कर सकते॥
बाधक तत्वों का मुकाबला हम कर सकते।
जीवन का हर कार्य सहज ढंग से कर सकते॥
लक्ष्य अपनाएं  व सुख शांति को ला सकते।
एकता के मन्त्र से हम देश का उद्धार कर सकते॥
तुम सोचोगे मैं बहुत बड़ा बलशाली हूँ।
बड़ा  सा कार्य कर सकता समझो बाली हूँ॥
बिना एकता के महान कार्य नहीं कर सकते।
एकता के मन्त्र से हम देश का उद्धार कर सकते॥
दुःख को सुख में तुम बदल सकते।
कठिन से कठिन कार्य तुम कर सकते॥
सितारों के समान जग में जगमगा सकते।
एकता के मंत्र से हम देश का उद्धार कर सकते॥
-अमृता पटेल, आशा कार्यकर्त्ता
पुरैना, ब्योहारी जिला शहडोल (मध्यप्रदेश)

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