कोरोना का प्रभाव
(सकारात्मक प्रभाव)
कोरोना महामारी के आने से
विश्व में बहुत बड़ा सुधार हुआ।
प्रकृति की सुरक्षा करना
सब जीवों से मानव का प्यार हुआ।
विश्व में बहुत बड़ा सुधार हुआ।
प्रकृति की सुरक्षा करना
सब जीवों से मानव का प्यार हुआ।
अपने घरों में
रहकर जीना
बिछड़े हुए इकट्ठा परिवार हुआ।
साफ सफाई करना एवं मास्क
लगाना 1 मीटर दूरी रहना अनिवार्य हुआ।
बिछड़े हुए इकट्ठा परिवार हुआ।
साफ सफाई करना एवं मास्क
लगाना 1 मीटर दूरी रहना अनिवार्य हुआ।
शिक्षा में
सुधार करना
स्वास्थ्य केंद्रों का विस्तार हुआ।
अच्छी शिक्षा को जागृत कर
स्वास्थ्य केंद्रों का विस्तार हुआ।
अच्छी शिक्षा को जागृत कर
शोध करें
वैज्ञानिक ही आधार हुआ।
प्राणों की बलि
वेदी में चढ़ने
स्वास्थ्य सेवकों व सैनिकों का इतिहास हुआ।
सर्दी खासी और बुखार से
अपने तन को बचाएं मानो आपका उद्धार हुआ।
स्वास्थ्य सेवकों व सैनिकों का इतिहास हुआ।
सर्दी खासी और बुखार से
अपने तन को बचाएं मानो आपका उद्धार हुआ।
कोरोना से बचाने
में लगे
मानव समझे यह बहुत बड़ा उपकार हुआ।
मानव समझे यह बहुत बड़ा उपकार हुआ।
चापलूसों से
सतर्क हुआ
सभी राष्ट्रों ने समझा भारी अनजान हुआ।
विश्व धर्म एवं
जाति पाति
इस जंग में सभी मानव एक साथ हुआ।
इस जंग में सभी मानव एक साथ हुआ।
सादगी जीवन अन्न जल वायु
कम खर्चों में ही मानव का श्रृंगार हुआ।
परिवार में बच्चों की खुशियाँ
मानों घर में आनंद का पारावार हुआ ।
इंसानियत के भाव रखना
जग में मानव को पहली बार एहसास हुआ।
प्रकृति ही परमात्मा है
विश्व को प्रकृति से मिलकर चलना आगाज हुआ ।
योग करना मुसीबत से न डरना
ऋषियों के पथ में चलना सभी को आसान हुआ ।
सूर्य की तपन लगने से
कोरोना वायरस जलकर निराधार हुआ ।
धन बचत से आपत्ति में
सदा हमारा खर्च सुविधानुसार हुआ।
अनमोल जीवन को बचने में
सावधानी में रहें कदम इजहार हुआ।
(नकारात्मक प्रभाव)
जग में मानव
जीवन को
इस घटना से बहुत भारी नुकसान हुआ।
इस घटना से बहुत भारी नुकसान हुआ।
करोड़ों मानवों
को चपेट में
ला सकता बचना और बचाना दुश्वार हुआ।
अर्थव्यवस्था चरमरा गई
ला सकता बचना और बचाना दुश्वार हुआ।
अर्थव्यवस्था चरमरा गई
जग में आर्थिक
संकट से जीना लाचार हुआ।
बेरोजगारी की
समस्या से
जूझ रहा और भी अधिक आज बेरोजगार हुआ।
इस भयावह दशा को देख
जूझ रहा और भी अधिक आज बेरोजगार हुआ।
इस भयावह दशा को देख
वैज्ञानिकों की
दवा का न आविष्कार हुआ।
आपदा की ऐसी
घड़ी में
कोरोनावायरस के जलवे से जग लाचार हुआ।
निर्धन बच्चे व बूढों का रोना,
दुखों को देख धनिकों को न शर्मसार हुआ।
कोरोनावायरस के जलवे से जग लाचार हुआ।
निर्धन बच्चे व बूढों का रोना,
दुखों को देख धनिकों को न शर्मसार हुआ।
भूख से तड़पते
मजदूरों का
प्राणों को बचाने का ना कोई मझधार हुआ।
अदृश्य वायरस से कर रहा युद्ध
जग में इस भारी हलचल से गुहार हुआ।
प्राणों को बचाने का ना कोई मझधार हुआ।
अदृश्य वायरस से कर रहा युद्ध
जग में इस भारी हलचल से गुहार हुआ।
मिलना जुलना बंद
करो
दानवों से भी बढ़कर बड़ा आकार हुआ।
आज विश्व को डुबोने चला
गहरे सागर में भी तूफान से तेजधार हुआ।
दानवों से भी बढ़कर बड़ा आकार हुआ।
आज विश्व को डुबोने चला
गहरे सागर में भी तूफान से तेजधार हुआ।
समीर भी वायरस
से दूषित
पर्यावरण को बचना यह संकट अंगार हुआ।
पर्यावरण को बचना यह संकट अंगार हुआ।
प्रकृति की
अनुपम छवि में
स्वार्थी मानव का बहुत बड़ा प्रहार हुआ।
स्वार्थी मानव का बहुत बड़ा प्रहार हुआ।
बिछड़ गए जीवन
के सफ़र
इस जंग से बहुत यह नरसंहार हुआ।
जग ने भयावह हादसा
का सदा के लिए मुसीबतों में ऋण भार हुआ।
इस जंग से बहुत यह नरसंहार हुआ।
जग ने भयावह हादसा
का सदा के लिए मुसीबतों में ऋण भार हुआ।
इस अपार क्षति के साथ
विश्व में महंगाई का कदम इजहार हुआ
अब न अस्त्र-शस्त्र से
यह वायरस जंग में बहुत बड़ा हथियार हुआ।
दुश्मनों को मार गिराने का
यह तलवारों का भी तलवार हुआ।
रचनाकार: रमेश प्रसाद पटेल माध्य. शिक्षक, पी. एच. डी. (शोध अध्ययनरत) नेट हिन्दी पुरैना, ब्योहारी जिला शहडोल (म. प्र.)
विश्व में महंगाई का कदम इजहार हुआ
अब न अस्त्र-शस्त्र से
यह वायरस जंग में बहुत बड़ा हथियार हुआ।
दुश्मनों को मार गिराने का
यह तलवारों का भी तलवार हुआ।
रचनाकार: रमेश प्रसाद पटेल माध्य. शिक्षक, पी. एच. डी. (शोध अध्ययनरत) नेट हिन्दी पुरैना, ब्योहारी जिला शहडोल (म. प्र.)
thank you Sir.
जवाब देंहटाएंvery nice Sir.
जवाब देंहटाएंVery nice sir
जवाब देंहटाएंVery nice sir
जवाब देंहटाएंVery nice sir
जवाब देंहटाएंThank you sir
जवाब देंहटाएंBahut badhia sir ji
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