सियासत को चमकाने वालो
सुनो मजहब से सियासत को चमकाने वालो।फैलाकर झूठ तमाम हकीकत छिपाने वालो।
और कब तक तुम सबको यूं गुमराह करोगे।
कब तक अपनी गलती पर तुम वाह करोगे।
असली मुददों से कब तक तुम विपरीत रहोगे।
कब तक अपने विचारों को तुम जीत कहोगे।
विफलताओं को ताकत कब तक बतलाओगे।
अपनी सारी लानत कब तक तुम छिपाओगे।
अब तो जाओ जाग जनता तुम्हे पुकार रही है।
तुमसे भीख नही, मांग अपना अधिकार रही है।
सड़क से संसद तक आएंगे सच बताने को।
कितने षड़यंत्र रचोगे तुम आवाज दबाने को।
हिन्दुस्तान गूंज उठेगा इंकलाब के नारों से।
कभी डरेगा नहीं सियासत में बैठे गद्दारों से।
रहेंगे अडिग सदा हिंदुस्तान खास बनाने को।
चाहे इतिहास बदलो अपना इतिहास बनाने को।
और हमें नही चाहिए ये राष्ट्रवाद की झूठी शान।
गर्व से बसता है हमारे सीने में पूरा हिदुस्तान।
कुलदीप पटेल
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