1. जिंदगी का सफर
राह पर बढ़ना मुश्किल है,मगर बढ़ना ना भूलो दोस्तो।।
सीढ़ियां होंगी कठिन,
पर चढ़ना न भूलो दोस्तो।।
जिंदगी की राह पर,
मुश्किलें आएंगी बहुत।।
किंतु अपने आप से
लड़ना न भूलो दोस्तो।।
2. समय की कीमत
समय की कीमत रख
व्यर्थ न गवां एक पल,
मंजिलें तो आएंगी,
पहले घर से तो निकल।
जग से जंग नहीं है
पहले मान तो ले तुम्हारा मन,
तुम्हारा कर्म हो उत्तम
तो सराहेगा तुम्हें जन-जन।
उदास हो न बैठो
प्यास से हो विकल,
कोशिश करोगे तो
निर्झर फूटेगा कल-कल।
चक्र हो, कुचक्र हो
इस फेर में तू न पड़,
मंजिलें तो आएंगी,
पहले घर से तो निकल।
जग से जंग नहीं है
पहले मान तो ले तुम्हारा मन,
तुम्हारा कर्म हो उत्तम
तो सराहेगा तुम्हें जन-जन।
उदास हो न बैठो
प्यास से हो विकल,
कोशिश करोगे तो
निर्झर फूटेगा कल-कल।
चक्र हो, कुचक्र हो
इस फेर में तू न पड़,
लड़ने को और भी हैं
पहले उनसे तो लड़।
पहले उनसे तो लड़।
डगमगा जाएं पांव तो
रुक, सम्हल फिर चल,
लक्ष्य का हो जाए वरण
तो चलता चल अविचल।
कोई न चले साथ तो
निकाल ले पहला कदम,
साथ आएंगे सब
जब टूटेगा भरम।
रचना:
नरेन्द्र पटेल
शिक्षक (राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त)
शासकीय हाई स्कूल दुलहरा
शिक्षक (राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त)
शासकीय हाई स्कूल दुलहरा
जिला-अनुपपुर (मध्यप्रदेश)
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Nice Lines
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर कृति समयानुसार।
जवाब देंहटाएंप्रेरणादायी संवेदनशील कविता।
जवाब देंहटाएंNice line
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