बोर्ड की परीक्षाओं
के आरम्भ होते ही विद्यार्थी और उनके अभिभावकों की चिंताएं बढ़ जाती हैं. सबके मन
में यही प्रश्न होता है कि बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कैसे करें? बोर्ड परीक्षा
परिणाम पर हमारे पड़ोसी, रिश्तेदार और हमारे परिचितों की नजर रहती है. इसलिए इसे
प्रतिष्ठा की दृष्टि से भी देखा जाता है और उच्च शिक्षा पर भी बोर्ड परीक्षा के परिणाम असर डालते हैं इसलिए
बोर्ड परीक्षा परिणाम का अपना महत्व है. बोर्ड परीक्षा के समय विद्यार्थियों और
अभिभावकों के मन में कुछ इस तरह के प्रश्न आते हैं
1.
बोर्ड परीक्षा मेंशत-प्रतिशत प्रश्नों के उत्तर कैसे तैयार करें?
2.
बोर्ड परीक्षा की तैयारी केलिए प्रश्नों का दोहराव कैसे करें?
3.
बोर्ड परीक्षा के समय तनाव
से कैसे बचें?
4.
बोर्ड परीक्षा के समय, समयका प्रबंधन कैसे करें?
5.
बोर्ड परीक्षा के समय अपनेखानपान का ख्याल कैसे रखें?
6.
बोर्ड परीक्षा में निर्धारित
समयावधि में सभी प्रश्नों को कैसे हल करें?
उपरोक्त प्रश्नों के
आतिरिक्त भी कुछ प्रश्न मन में आते हैं किन्तु सभी प्रशों का सार यही है कि कम समय
में बोर्ड परीक्षा की तैयारी कैसे करें ताकि अच्छे अंक हासिल हो सकें. आइए
बिन्दुवार इन प्रश्नों का उत्तर जानने की कोशिश करते हैं.
बोर्ड परीक्षा में शत-प्रतिशत प्रश्नों के उत्तर कैसे तैयारकरें?
बोर्ड परीक्षा में
शत-प्रतिशत प्रश्नों के उत्तर तभी दिए जा सकते हैं जब सत्र के आरम्भ से ही बेहतर
तैयारी की गयी हो. ठीक तरह से अध्ययन किया गया हो, समय-समय पर नोट्स बनाये गए हों
और उनका लगातार रिवीजन किया गया हो. फिर भी यदि थोड़ी-बहुत पढने में चूक हो गयी हो
तो घबराने की बात नहीं है, परीक्षा के लिए अभी जितना समय बचा है उसका सदुपयोग किया
जाए तो बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक हासिल हो सकते हैं.
जब सत्र आरम्भ होता
है तभी से नोट्स बनाना आरम्भ कर देना चाहिए और जो प्रश्न अच्छी तरह तैयार हो गये
हों उनका भी बीच-बीच में अवश्य रिवीजन करते रहना चाहिए अन्यथा अधिक समय बीत जाने
पर तैयार प्रश्न भी भूल जाते हैं. इसके लिए एक तकनीक का सुझाव देना चाहूंगा. जब भी
पहली बार आप कोई प्रश्न तैयार करें तो उसमें तारीख लिख दें. ताकि आपको ध्यान रहे
कि इसका रिवीजन कब करना है. फिर जब रिवीजन करें तो फिर तारीख लिख दें. ऐसा हर
रिवीजन पर करें. शुरुआत के रिवीजन जल्दी
करें, फिर चार –छः रिवीजन के बाद यदि थोड़े अंतराल में भी रिवीजन करेंगे तो चल
जायेगा.
सभी प्रकार
के प्रशों का अभ्यास आरम्भ से ही करें:
प्रश्नों की तैयारी
करते समय विद्यार्थी किस प्रकार की गलतियाँ करते हैं, इस पर ध्यान देना जरूरी है.
प्रायः विद्यार्थी आरम्भ में सभी प्रकार के प्रश्नों का अभ्यास नहीं करते. वे
विकल्पीय प्रश्न, सत्य/असत्य, रिक्त स्थान, सही-जोड़ी जैसे वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की
परीक्षा के समय ही तैयारी करते हैं. यह सही तरीका नहीं है. सभी प्रकार के प्रश्नों
की तैयारी विद्यार्थियों को आरम्भ से ही करना चाहिए. इससे अध्ययन किये गए पाठ का
कांसेप्ट क्लियर हो जाता है और यदि मन में कोई डाउट है तो शिक्षकों की मदद भी ली
जा सकती है. चूंकि वे भी पाठ पढ़ाते समय पाठ से जुड़े रहते हैं अतः सही तरीके से
डाउट को हल करा पायेंगे और आपका परीक्षा के समय बोझ भी नहीं बनेगा.
ठीक तरह से नहीं पढ़ पायें हैं तो क्या करें?
इसके लिए आप उन
प्रश्नों पर अधिक ध्यान दें जिन प्रश्नों को आसानी से और जल्दी तैयार कर सकते हैं.
जो प्रश्न बहुत कठिन लग रहे हैं, उनके उत्तरों का रट्टा मारना छोड़ दें और उनके
मुख्य बातों को समझने पर जोर दें. ऐसा सोचें कि यदि यह प्रश्न परीक्षा में आ जाए
तो इसकी मुख्य कौन सी बातें हैं जिनका उल्लेख करके उत्तर तैयार किया जा सकता है.
यदि आप
ठीक तरीके से नहीं पढ़ पायें हैं तो
1.
विगत वर्ष के प्रश्नपत्र
एकत्र कर लें. उनमें से ऐसे प्रश्नों के उत्तर तो तैयार कर ही लें जो अन्य
प्रश्नों की अपेक्षा सरल व याद करने में आसान हों.
2.
ऐसे प्रश्न चिन्हित कर लें
जिनके उत्तर समझकर लिखे जा सकते हैं. उन प्रश्नों के उत्तर याद करने के बजाय समझने
पर जोर दें.
3.
बड़े उत्तरों के सबसे पहले
पॉइंट्स याद करें. पॉइंट्स याद हो जाने के बाद उनके डिटेल को समझने और डिटेल के
मुख्य तथ्यों को याद करके स्वयं ही उत्तर तैयार करने की कोशिश करें.
4.
धैर्य रखें. लगातार तैयार
हुए प्रश्नोंत्तरों की संख्या बढाते रहें. यह ना सोचें कि एक या दो उत्तर तैयार
करने से क्या हो जायेगा. जैसे-जैसे तैयार उत्तरों की संख्या बढती जाएगी ,
वैसे-वैसे आपका आत्मविश्वास बढ़ता जायेगा और अधिक स्पीड से आप तैयारी कर पाएंगे.
5.
चिंतामुक्त रहें. जो समय
बीत गया, उसके बारे में बार-बार सोचकर परेशान न हों. जो समय शेष है, उसमें जितनी
अधिक तैयारी हो सकती है, वह करते रहें.
6.
यदि विद्यालय जा रहे हों और
वहां कोई कालखंड खाली मिले तो उसका भी सदुपयोग करें. यदि कुछ नोट्स बनाने की जरूरत
हो तो ऐसे खाली कालखंड का उपयोग करें. इससे घर में प्रश्नों के उत्तर तैयार करने
का समय मिल जाएगा.
7.
शांत रहें. इससे आपकी
मानसिक क्षमता बनी रहेगी. पर्याप्त नींद और ठीक तरह से भोजन लें. समय- समय पर पानी
पियें. उत्साह बनाकर रखें.
8.
फोकस बनाकर रखें. अपने मन को
व्यर्थ की चिंता में न उलझाएँ. इस समय कुछ दिनों के लिए पारिवारिक और सामाजिक गतिविधियों
जैसे शादी-ब्याह/ पार्टी आदि में अधिक न उलझाएं.
समय कहीं और से लाया नहीं जा सकता किन्तु जो समय उपलब्ध है, उसका सही उपयोग
करके कुछ हद तक उसकी भरपाई की जा सकती है. वही करने की कोशिश करें.
बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए प्रश्नोंत्तर का दोहरावकैसे करें
परीक्षा में प्रशोंत्तर का दोहराव बहुत जरूरी होता है. इसके लिए विद्यार्थी दो
तरह की टेक्निक अपना सकते हैं.
1)
तैयार प्रश्नों की अलग कॉपी
बनाना- अच्छी तरह तैयार किया हुआ प्रश्न यदि दोहराने की कमी के कारण भूल जाये तो
बहुत अफ़सोस होता है. इससे बचने के लिए कुछ विद्यार्थी तैयार प्रश्नों की एक अलग
पुस्तिका बना लेते हैं. इससे उन्हें मालूम होता है कि किन प्रश्नों का रिवीजन करना
आवश्यक है.
2)
तैयार प्रश्नों पर तारीख
अंकित करना- अलग से प्रश्न-पुस्तिका तैयार न करना पड़े इसके लिए कुछ विद्यार्थी तैयार
प्रश्न के आसपास वह तारीख लिखते जाते हैं जब-जब वह इन प्रश्नों को तैयार अथवा
रिवीजन करते हैं. इससे उन्हें याद रहता है कि आगामी बार कब किस प्रश्न का दोहराव
करना है. यह तरीका वाकई बहुत कारगर है.
बोर्ड परीक्षा के समय तनाव से कैसे बचें?
बोर्ड परीक्षा के समय केवल पढाई के तनाव से ही नहीं अन्य सभी प्रकार के तनावों
से मुक्त रहने की जरूरत होती है. क्योंकि विद्यार्थी के वर्षभर के मेहनत पर सिर्फ
किसी तात्कालिक कारण से पानी फिर जाए तो विद्यार्थी को जीवनभर अफ़सोस रहता है. यह
ध्यान रखें कि पढाई का जो भी परिणाम आएगा वह आपके ही जीवन को प्रभावित करेगा, और
किसी के जीवन को नहीं. इसलिए समझदार और होशियार रहते हुए काम करें और हर प्रकार के
तनाव से दूर रहें.
1)
यदि पढाई के कारण कोई काम
भूल जाते हैं तो कामों की लिखित सूची बना लें और पढाई खत्म कर उसे पूरा कर लें.
2)
मन में कोई बात बार-बार आये
तो अपने माता-पिता अथवा भाई-बहन से साझा कर लें. क्योंकि वही बात मन में बार-बार
आती है जिसका समाधान हमारा दिमाग नहीं ढूढ़ पाता. हो सकता है बात साझा करने से आपके
मन की शंका दूर हो जाए.
3)
फोकस होकर पढाई करें किन्तु
खुद पर उसे हावी न होने दें. सहज बने रहें. गुमसुम न रहें. थोडा-बहुत वक़्त निकालकर
अपने माता-पिता या भाई-बहन के साथ खुलकर हँसे-बोलें. इससे एक झटके में ही सारा
तनाव गायब हो जाएगा.
4)
माता-पिता अथवा अभिभावक
परीक्षा के समय कड़े अनुशासन की अपेक्षा रखते ही हैं. अतः इसे अनावश्यक तूल न दें
और न झल्लाएं. जितना हो सकता है अपनी तैयारी करते रहें.
बोर्ड परीक्षा के समय, समय का प्रबंधन कैसे करें
वैसे तो हमेशा ही समय के बेहतर प्रबंधन की जरूरत होती है किन्तु परीक्षा के
समय इसका महत्व अधिक होता है. परीक्षा के समय समय प्रबंधन की दृष्टि से निम्न
बातों का ध्यान रखना चाहिए-
1.
यदि आप अपने पास मोबाईल फोन
रखते हैं तो उसे स्वयं से दूर रखने की आदत डाल लें ताकि अनावश्यक नोटिफिकेशन से
आपका ध्यान भंग न हो.
2.
यह ध्यान रखें कि प्रतिदिन
सभी विषयों का अध्ययन या दोहराव करें. विषय की मांग के अनुसार समय कम/अधिक कर सकते
हैं.
3.
टाले जा सकने वाले समारोहों
को टालें.
4.
पूरी नींद लें. इसके लिए
जरूरी है कि सही समय पर जागना-सोना करें.
5.
दैनिक गतिविधियों का समय
चक्र बना लें और उसका पालन करें.
बोर्ड परीक्षा केसमय अपने खानपान का ख्याल कैसे रखें
कहा गया है स्वस्थ शरीर में
ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है. हमारा मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य हमारे भोजन
पर निर्भर करता है. अतः यह ध्यान दिलाना उचित होगा कि विद्यार्थियों को किस प्रकार
के खानपान को अपनाने की जरूरत है-
1.
परीक्षा के समय बाहरी खानपान
से परहेज रखें तो अच्छा होगा. खानपान की वजह से स्वास्थ्य पर विपरीत असर सालभर के
मेहनत पर पानी फेर सकता है.
2.
पेट को ख़राब करने वाला या
अधिक गरिष्ठ भोजन करने से बचें. ऐसे भोजन से बचना चाहिए जो आलस्य को बढ़ाते हैं.
3.
पढाई में अधिक फोकस करने
वाले विद्यार्थी अक्सर पर्याप्त पानी लेना भूल जाते हैं जबकि मस्तिष्क को सही
तरीके से काम करने के लिए समय-समय पर उचित मात्रा में पानी चाहिए होता है. अतः
ध्यान देकर समय-समय पर पानी पीते रहें.
बोर्ड परीक्षा में निर्धारित समयावधि में सभी प्रश्नों को
कैसे हल करें
परीक्षा कक्ष ही वह
स्थल होता है जहाँ विद्यार्थी अपने अर्जित ज्ञान का प्रदर्शन कर उत्तरपुस्तिका में
उत्तरों के रूप में अंकित करता है. कई बार केवल ज्ञान के कारण नहीं बल्कि परीक्षा
के दौरान लिए गये निर्णय और अपनाई गयी रणनीति के कारण उसके वार्षिक परीक्षा परिणाम
प्रभावित हो जाते हैं. इसलिए कुछ बिन्दुओं पर ध्यान देना आवश्यक है-
1.
प्रवेश पत्र उपयोग के बाद ड्राइंग
बॉक्स में रख लें. इससे उसे बार-बार सम्हालने में समय खर्च नहीं होगा.
2.
उत्तरपुस्तिका में अनुक्रमांक
आदि की प्रविष्टियां ठीक तरह से करें. इसके लिए अनुक्रमांक का अंकों एवं शब्दों
में लिखने का अभ्यास पहले से अवश्य कर लें.
3.
परीक्षा हाल में प्रश्नपत्र
को लेकर सहज रहें. जो प्रश्न प्रश्नपत्र के रूप में मिलेंगे वह बहुत पहले से
मुद्रित हो चुके होते हैं. आपके घबराने या हडबडाने से उसमें कुछ होने वाला नहीं
है. कक्ष में पहुँचने के बाद शुरूआती समय में अपने साँसों पर ध्यान दें और ठीक तरह
सांस लें.
4.
प्रश्नपत्र के निर्देशों को
ध्यान पूर्वक पढ़ लें. यदि एक बार निर्देशों को ठीक तरह पढ़ लिया तो वह आगे आपका बहुत
समय बचा सकते हैं और गलतियाँ भी नहीं होंगी.
5.
प्रश्नपत्र को हल करना
आरम्भ करने से पूर्व एक बार सभी प्रश्नों को इत्मीनान के साथ पढ़ अवश्य लें. इससे
आपके दिमाग में प्रश्न हल करने का एक आईडिया बन जायेगा.
6.
यथासंभव एक प्रश्न के
उपप्रश्नों को एक साथ हल करें. जैसे यदि वस्तुनिष्ठ प्रश्नों में बहुविकल्पीय
प्रश्न हल कर रहे हैं तो सभी विकल्पीय प्रश्नों को एक साथ हल करें.
7.
सबसे पहले आसान प्रश्नों के
उत्तर हल करें. इससे कठिन प्रश्नों को हल करने के लिए सोचने का आपको वक़्त मिल
जायेगा.
8.
अपने आप में यह हिसाब करते
चलें कि आपको किस प्रश्न पर कितना समय देना है. कुछ प्रश्नों के उत्तर हल हो जाने
के बाद एक अनुमान लगा लें कि अभी आपके पास कितना समय है और कितने प्रश्न हल करना शेष
है. इससे जरूरत के अनुसार आप लिखने की स्पीड बढ़ा सकते हैं.
9.
उत्तरपुस्तिका के दोनों और
उचित अनुपात में हाशिया छोड़ें. इससे उत्तर आकर्षक दिखता है जो परीक्षक पर
सकारात्मक प्रभाव डालता है.
10.
प्रश्नोत्तर क्रमांक को अंडरलाइन
कर दें और पहले दिए गए उत्तरों की पंक्ति से थोड़ी दूरी बनाते हुए उत्तर अंकित
करें.
11.
यदि किसी प्रश्न का उत्तर
बिन्दुओं में है तो उसके सभी बिन्दुओं के डिटेल दिए गए निर्धारित शब्द सीमा में लिखे गये हों. कई बार पूर्व में तैयार
उत्तर से भिन्न प्रकार से प्रश्न पूछ लिया जाता है, अतः प्रश्न की मांग के अनुसार
उत्तरों को संक्षिप्त में अथवा दीर्घ उत्तर में बदलकर लिखें.
12.
एक बार ठीक तरह से बन रहे
प्रश्नों के उत्तर लिखे जाने के बाद उन प्रश्नों के उत्तर भी लिख दें जिनके उत्तर
ठीक तरह से नहीं जानते किन्तु प्रश्न के अनुसार अपनी और से जितना बेहतर हो सकता है
उतना अपनी ओर से बेहतर उत्तर लिख दें.
13.
परीक्षा कक्ष प्रभारी को
उत्तरपुस्तिका सौंपने से पूर्व एक बार अनुक्रमांक सहित समस्त उत्तरों को देख और
मिला लें.
परिश्रम का कोई शार्टकट नहीं होता. यहाँ यह बताने की कोशिश की गयी है कि परीक्षा
के समय किस प्रकार समय का उचित प्रबंधन करके उच्चतम अंक प्राप्त किये जाएँ. आशा है
कि बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कैसे करें इस प्रश्न का कुछ हद तक उत्तर मिल गया
होगा. यदि आपके मन में अभी भी कोई प्रश्न है तो कमेन्ट बॉक्स में अपना प्रश्न
अवश्य लिखें.
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