मंगलवार, दिसंबर 31, 2019

काल पढ़े सो आज पढ़: शिवम की दो कविताएं


1. काल पढ़े सो आज पढ़: शिवम

काल पढ़े सो आज पढ़, 
आज पढ़े सो अब।
फीस डबल हो जाएगी, 
फिर पढ़ेगा कब।

स्कूल में सुमिरन सब करें, 
घर में करे न कोय।
जो घर में सुमिरन करे, 
तो फेल काहे को होय।

पहली घंटी गई, 
आने में हो गई देर।
गेट आउट सुन चुप रहे, 
देख समय का फेर।

पोथी पढ़-पढ़ जग हुआ,
पास भया न कोय।
दिन में कुंजी पढ़े,
पास तुरन्तै होय।

एक भरोसा एक बल,
एक आस विश्वास ।
मन से करो पढ़ाई,
होंगे फर्स्ट डिवीजन पास ।।

2. जीतना है अगर तुझे

जीतना है अगर तुझे, 
विश्वास कायम रख।
हार कर भी जीत, 
प्रयास कायम रख।।


मजबूत कर तू सोच को, 
उससे तय होगा रास्ता।
जहाॅ जाना चाहता है तू, 
जहाॅ जाने का तेरा वास्ता ।।

हो जा तू सावधान अब, 
छाया है घोर तम ।
अधीन न होना कभी, 
पथ है तेरा निर्मम ।।

अगर सोच तेरी जीत है, 
शुभ होगा तेरा परिणाम।
गिरेगा तू तुझे उठना है, 
यही है तेरा इम्तिहान ।।

आगे बढ़े जो मिटा के तम,
वही तो है महान ।
जीत पास मे खड़ी,
करने तेरा सम्मान ।।

रूकने न पाये ये बढ़ते कदम,
जब तक है तुझमे जान।

गिरेगा तू तुझे उठना है,
 यही है तेरा इम्तिहान ।।

रचनाकार:
नाम -शिवम् चर्मकार
वार्ड नंबर 19, ग्राम पोस्ट आखेटपुर तहसील ब्यौहारी जिला शहडोल मध्यप्रदेश 


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