मंगलवार, सितंबर 10, 2019

पानी है ऐसा: बालमन आर्यन की कविता

पानी है ऐसा
             आर्यन पटेल
पानी हमारे लिए बहूत खास है,
पानी जिंदगी के लिए एक आश है।

पानी है ऐसा,
जैसे अमीरों के लिए पैसा।

पानी बुझाती हमारे गले की प्यास है,
जैसे जिंदगी के लिए श्वास है।

पानी को बचाना मेरी ख्वाहिश है,
यहीं से शुरू होती मेरी छोटी-सी आजमाइश है।

पानी हमारे लिए बहुत ही 'मेन' है,
क्योंकि भैया ये प्रकृति की देन है।

पानी का अपव्यय क्यों करते हो
यह बहुत ही है कम,
फिर नहीं बोलना कि हम क्यों हो गए खतम।

दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है,
लेकिन पानी बिना कुछ भी संभव नहीं है।

पानी के बिना जिंदगी है अधूरी,
क्योंकि ये जिंदगी के लिए है जरूरी।

पानी से बढ़ रही है इंसान की दूरी,
इसे कभी न बनने देना मजबूरी।

पानी को करें एकत्रित उसको व्यर्थ न बहाएँ,
चलो आज  हम पानी के लिए एक नारा लगाए।

"गली-गली में शोर है,
पानी न बचाने वाला हर व्यक्ति चोर है।"

रचना: आर्यन पटेल,
कक्षा-9वीं
ख्रिश्ता ज्योति मिशन हायर सेकेंडरी स्कूल 
गोदावल रोड ब्यौहारी, जिला-शहडोल(मध्यप्रदेश)
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5 टिप्‍पणियां:

  1. जल है तो कल है !
    पानी के गुल्लक में पानी डालेंगे !
    तो कल चाहे जितना गुल्ल्क से पानी निकालेंगे !

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  2. पानी के गुल्लक - तालाब, झील, बांध, स्टॉप डेम, सभी पानी के गुल्लक है !इन्हे पानी से भरने मे अपना योगदान सुनिश्चित करें !गांव का पानी गांव मे जो सिद्धांत है उसे वास्तविक धरातल मे उतारना होगा !धन्यवाद !

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  3. वीरेंद्र कुमार जी,जल संरक्षण के संबंध में यदि कोई प्रयोजना आपके मन मे हो तो उसे व्यवस्थित रूप से लिखकर हमें भेजें, ताकि आपकी प्रयोजना का लाभ सभी को मिल सके।

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